पाचन तंत्र का परिचय - Introduction to Digestive System
व्यक्ति साधारण रूप में जो भी भोजन हम ग्रहण करते हैं वह वास्तव में भी तभी हमारे लिए उपयोगी होता है जब हम इस लायक हो जाये कि शरीर के अन्तर्गत रक्त कोशिकाओ एवं अन्य कोशिकाओं तक पहुँच कर शक्ति व ऊर्जा उत्पन्न कर सके। यह कार्य पाचन प्रणाली के विभिन्न अंग मिलकर करते हैं। पाचन का कार्य पेशियो की गतियों रासायनिक स्त्राव के माध्यम से होता है। पाचन वह रासायनिक व यान्त्रिक किया है जिसमें ग्रहण किया गया भोजन अत्यन्त सूक्ष्म कणों में विभक्त होकर विभिन्न एन्जाइम्ज़ व पाचन रसों की क्रिया के फलस्वरूप परिवर्तित होकर रक्त कणो द्वारा अवशोषित होने योग्य होकर कोशिकाओं के उपयोग मे आता है। पाचन की यह सम्पूर्ण क्रिया पाचन अंगो के द्वारा सम्पन्न होती है। वास्तव में पाचन की प्रक्रिया एक रासायनिक एवं यान्त्रिक प्रक्रिया है। जिसमें भोजन के दीर्घ अणु टूटकर विविध एन्जाइम्स की सहायता से सूक्ष्म अणुओं में विभक्त हो जाते है। सूक्ष्म अणुओं का अवशोषण ऑतो मे होकर वह शरीर में खपने योग्य बनता है तथा शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदासन करता है। हम भोजन को जिस रूप में लेते हैं वह उसी रूप में शरीर की कोशिकाओं द्वारा ग्रहण नहीं होता है वरन् भोजन में सम्मिलित तत्व जब अपने सरल रूप में आते हैं तभी वह ग्रहण हो पाता है। नीचे एक सारणी दी जा रही है जो कि भोजन के रूप में ग्रहण की गई वस्तु की है एवं वह जिस रूप में परिवर्तित होती है उसके प्रदर्शित है।
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