टाइकस्पिड वाल्व , माइटल वाल्व - Typespeed Valve , Mitel Valve

 टाइकस्पिड वाल्व , माइटल वाल्व - Typespeed Valve , Mitel Valve

दायें आलिन्द तथा बायें निलय के बीच में स्थित छेद जिसमे ढाँचा एट्रियोवोन्ट्रिकुलर छिद्र कहा जाता है, उसके वाल्व को ट्राइकस्पिड या जिकपर्दी वाल्व कहते है। इस वाल्व में तीन त्रिकोण के आकार वाले कास्पस पाये जाते है। वाल्व के इन अस्पस का एट्रियेवेन्द्रिकुलर छेद के ऊपर पूरी तरह से नियंत्रण होता है आलिन्द मे संकुचन के कारण खून कस्पस को धक्का देता है और वेन्ट्रिकल मे पहुँचता हैं इस प्रक्रिया के ठीक बाद ही कस्पस बन्द हो जाते है और ठीक इसी क्षण क्षपिलरी केशियों में संकुचन हाने के करण ये कांर्डी टेन्डिनी पर खिंचाव डालती है. परिणामस्वरूप कस्पस आलिन्द में नही अकेले जाते है और खून वापस नहीं लौट पाता है।


माइटल वाल्व - बायें आलिन्द तथा दॉयें वेन्ट्रिकल के मध्य के बॉयें एट्रियोवेन्ट्रिकुलर छिद्र का कपाट विकपर्दी कपाट या माइट्रल वाल्व या बाइकस्पिटु वाल्व कहलाता है। इसमे दो कस्पस (cusps) होने के कारण ही इसे द्विकपर्दी कपाट करा जाता है। इसकी संरचना भी ट्राइकस्पिटु वाल्व के समान ही होती है। इसका कार्य है बायें वेन्ट्रिकल के संकुचित होने पर रक्त को बायें एट्रियम मे वापस न जाने देना ।


पल्मोनरी वाल्व – दायें वेन्ट्रिकल एवं फुफ्फुसीय धमनी के बीच का वाल्व पल्मोनरी वाल्व या फुफ्फुसीय कपाट कहलाता है। इसे अर्द्धचन्द्राकार वाल्व के साथ जाना जाता है क्योंकि इसमें तीन अर्द्धचन्द्राकार कस्पस होते हैं। 


एऑटिकल वाल्व - महाधमनी कपाट बायें वेन्ट्रिकल एवं महाधमनी के मध्य स्थित होता है। रचना तथा कार्य की दृष्टि से यह पल्योनवरी वाल्व के समान ही होता है ।