दायाँ आलिन्द या दायाँ एट्रियम - right atrium

दायाँ आलिन्द या दायाँ एट्रियम - right atrium

हृदय के इय भाग मे सम्पूर्ण शरीर का ऑक्सीजन रहित अशुद्ध रक्त आकर इकट्ठा होता है। उर्ध्वमहाशिरा शरीर के ऊपरी हिस्से से तथा निम्न महाशिरा निचले हिस्से से अशुद्ध रक्त को दाँयें आलिन्द में पहुँचाने का कार्य करती है।



इस कक्ष की शिलिया एवं पतली होती है क्योंकि इसे रक्त को पम्प करने का काम ज्यादा नही करना होता है। इस कक्ष का मुख्य कार्य केवल खून को गृहण करने का है।

5.4.2 दायाँ निलय या दाय वेन्ट्रिकल हृदय का दूसरा कक्ष है- दायाँ निलय । दाये आलिन्द में अशुद्ध रक्त के पहुँचने बाद यह एट्रियाँ बेन्ट्रिकल छिद्र से होते हुए दायें वेन्ट्रिकल में आता है और वहाँ से फुफ्कुसीय धमनियों के द्वारा फेफड़ो में शुद्ध होने के लिए चला जाता है।


नोट - फुफ्फुसीय धमनी के अलावा अन्य सभी धमनियों में शुद्ध रक्त ही प्रभावित होता है। दायें निलय की शिरियों दाये एट्रियम की तुलना में अधिक मोटी होती है क्योंकि इसे रक्त को पम्प करने का कार्य अपेक्षाकृत अधिक करना पडता है।