बायाँ आलिन्द या बायाँ एट्रियम - left atrium

बायाँ आलिन्द या बायाँ एट्रियम - left atrium

बायाँ आलिन्द हृदय की बायें भाग का ऊपर वाला कक्ष है। आकार की दृष्टि से चर दायें एट्रियम से थोड़ा से छोटा होता है। दायें एट्रियम की तुलना में इसकी भित्तियों भी थोड़ी मोटी होती है। इयमे चार फुफ्फुसीय शिरायें खुलकर शुद्ध रक्त को बायें एट्रियम तक ले जाने का कार्य करती है।


बायाँ निलय या बायाँ वेन्ट्रिकल हृदय का चौथा कक्ष बायाँ निलय है। यह भाग का निचला तथा हृदय का सभी कक्षों में सर्वाधिक बड़ा कक्ष है। इसकी भित्तियाँ शेष सभी कक्षो की अपेक्षा मोटी होती है।

इसमें महाधमनी नामक एक छिद्र होता है, जिससे महाधमनी निकलकर शरीर के विविध भागों में रक्तापूर्ति का कार्य करती है। जैसे की बायें एट्रियम में संकुचन होता है शुद्ध रक्त बायें वेन्ट्रिकल में आ जाता है। बायें वेन्ट्रिकल के संकुचित होते ही शुद्ध रक्त महाधमनी के छिद्र को खोल देता है और उसी में से होकर वह प्रभावित होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि बायाँ निलय शरीर के सभी भागों में शुद्ध रक्त पहुचाने मे सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।