हृदय की रक्त आपूर्ति - blood supply of the heart

हृदय की रक्त आपूर्ति - blood supply of the heart


जिज्ञासु पाठकों, हृदय की गतिशीलता एवं स्पन्दन के बारे में जानने के बाद अब हम चर्चा करते है हृदय की रक्त आपूर्ति के विषय में। हृदय की रक्तापूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की रक्त नलिकायें होती है जो रक्त नलिकायें हृदय से शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त को पहुँचाने कार्य करती है उन्हें धमनियों कहते है तथा जो शरीर विभिन्न भागों से रक्त को हृदय में लाने का कार्य करती है उन्हें शिरायें कहा जाता है।


मायोकार्डियम (हृदयपेशी) में खून की आपूर्ति दायाँ तथा बॉयी कोरानरी धमनियो के माध्यम से होती है।

बॉयी कोरोनरी धमनीकी एन्टीरियर इन्टरवेन्ट्रिकुलर शाखा हृदय की एन्टीरियर सतह पर विद्यमान इन्टरवेन्ट्रिकुलर में जाकर दोनों निलयों को रक्त प्रदान करती है। बायें वेन्ट्रिकल में रक्त की आपूर्ति कोरोनरी धमनियों की अतिरिक्त शाखाओं के माध्यम से होती है। ये शाखायें हृदय के बॉये किनारे के साथ फैली हुई होती है। दॉयी कोरोनरी धमनी की मार्किनल शाखा दॉये वेन्ट्रिकल तक रक्त पहुँचाने का कार्य करती है। ये हृदय के निचले किनारे के साथ फैली हुयी होती है। मध्य हृदीय शिरा पोस्टीरियर इन्टरवेन्ट्रिकुलर इसमें पहुँचकर कोरोनरी साइनस के मध्य भाग में रक्त की आपूर्ति करती है।

कोरोनरी साइनस से रक्त दायें आलिन्द में छोटी छोटी शिराओं कार्डियम शिरा तथा बॉये आलिन्द भी ऑब्लिक शिरा से आता है। इसके आलावा दॉये आलिन्द की एन्टीरियर सतह से एन्टीरियर कार्डियल शिराएँ खून को सीधे ही दाँये आलिन्द में पहुँचा देती है। कोरोनरी के पिलरीज में से जो कार्डिस मिनिमी निकलती है, वह सीधे ही हृदय के समस्त चैम्बर में पहुँचती है. जेकिन अधिकतर दॉये आलिन्द में ही पहुँचती हैं।


यदि किसी कारण से हृदय की रक्त आपूर्ति में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तो यह हृदय की क्रियाशीलता को प्रभावित करती है। यदि कोई नरी धमनी की किसी शाखा में पूर्ण अवरोध आता जाता है तो हृदय के उस भाग में माचोकार्डिलनल इन्फारवशन हो जाता है जिसको वह रक्त पहुँचाती है। तो पाठकों इस प्रकार आपने जाना कि किस प्रकार हृदय की रक्त आपूर्ति होती है।